Wednesday, January 29, 2020

एडमास हिल्स: बादलों का रोमांच

   एडमास हिल्स को प्राकृतिक सौन्दर्य का इन्द्रधनुषी आयाम कहा जाना चाहिए। खास यह कि एडमास हिल्स ने सौन्दर्य के असंख्य प्रतिमान स्थापित किये हैं। 

   लिहाजा इस स्थान को अद्भुत माना जाता है। एडमास हिल्स का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व विशेष है। एडमास हिल्स पर बादलों की घुमक्कड़ी बेहद रोमांचक होती है। श्रीलंका के रतनपुर जिला के तहत आने वाला एडमास हिल्स भगवान शिव का स्थान भी माना जाता है। 

   सूर्यास्त एवं सूर्योदय का अद्भुत दृश्य केवल एडमास हिल्स पर ही दर्शनीय होता है। लिहाजा इस अद्भुत दृश्य का दर्शन करना हो तो पर्यटकों को रात में ही एडमास हिल्स पर अपना डेरा डाल देना चाहिए। जिससे सूर्योदय का अद्भुत दृृश्य देख सकें। 

   विशेषज्ञों की मानें तो एडमास पर्वत चोटी श्रीलंका के अति खूबसूरत स्थानों में से एक है। यहां सूरज की खूबसूरती देखते ही बनती है। शायद इसीलिए यूनेस्को ने विश्व धरोहर की श्रंखला में एडमास हिल्स को शामिल किया है। एडमास हिल्स को एडमास पीक एवं श्रीपदा भी कहा जाता है।

   मान्यता है कि एडमास हिल्स पर भगवान शिव के पैरों के निशान अंकित हैं। कोलंबो का यह अति दर्शनीय स्थान दुनिया में खास ख्याति रखता है। मान्यता है कि इस विशाल पर्वत श्रंखला का ताल्लुक रामायण काल से भी है।

   हालांकि एडमास हिल्स कोे लेकर हिन्दुओं के साथ ही बौद्ध, इस्लाम एवं ईसाई समुदाय की भी अपनी मान्यताएं हैं। समुद्र तल से करीब 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एडमास हिल्स वस्तुत: एक शानदार हिल स्टेशन है तो वहीं इसे धार्मिक पर्यटन भी कहा जा सकता है। 

   बेशकीमती पत्थरों वाला यह इलाका एडमास हिल्स समनाला माउंटेन रेंज का शानदार हिस्सा है। हालांकि श्रीलंका के बाशिंदों के बीच एडमास हिल्स को रहुमाशाला के नाम से भी जाना एवं पहचाना जाता है। इस विशाल पर्वत पर एक अति दिव्य-भव्य मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवान शिव के पैरों के निशान हैं।

   लिहाजा बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए मंदिर आते हैं। बताते हैं कि भगवान शिव मानव जाति को अपना दिव्य प्रकाश प्रदान करने के लिए इस स्थान पर प्रकट हुए थे। शायद इसीलिए एडमास हिल्स को सिवानोलीपदम कहा जाता है। सिवानोलीपदम का आशय है कि शिव का प्रकाश होता है। 

   मान्यता है कि राम-रावण के बीच युद्ध में मेघनाद के तीर से लक्ष्मण घायल एवं मूर्छित हो गये थे। संजीवनी की तलाश में हनुमान जी ने एक विशाल पर्वत को उठा लिया था। मान्यता है कि यह वही पर्वत एडमास हिल्स है। लिहाजा इसकी धार्मिक मान्यता भी है। 

   एडमास हिल्स का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों के दिलों को झंकृत कर देता है। यहां का परिवेश पर्यटकों को एक अद्भुत रोमांच से भर देता है। इतना ही नहीं, पर्यटक एडमास हिल्स इलाके में झीलों-झरनों का सौन्दर्य भी देख सकते हैं।

   ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे एडमास हिल्स बादलों की गोद में स्थित हो। एडमास हिल्स पर बादलों की घुमक्कड़ी बेहद रोमांचकारी होती है। बादलों का कोमल एवं शीतल स्पर्श अक्सर पर्यटकों को प्रफुल्लित कर देता है। पर्यटकों का मन चाहता है कि बादलों की घुमक्कड़ी में खो जायें।

   चौतरफा आैषधीय वनस्पतियों के सघन वन क्षेत्र एडमास हिल्स एवं आसपास के इलाके की सुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। लिहाजा एडमास हिल्स को दुनिया का एक शानदार पर्यटन माना जाता है।

   एडमास हिल्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट हट्टन एयरपोर्ट कोलंबो है। निकटतम रेलवे स्टेशन कोलंबो रेलवे स्टेशन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी एडमास हिल्स की रोमांचक यात्रा कर सकते हैं।
-32.756090,151.085160

Friday, January 24, 2020

पेनांग हिल स्टेशन: सुगंध की धरती

   पेनांग हिल स्टेशन को सुगंध एवं खाद्य पदार्थों का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, पेनांग हिल स्टेशन पर फलों की विभिन्न प्रजातियां पुष्पित एवं पल्लवित हैं। 

    इतना ही नहीं, फलों की दुर्लभ एवं विलुप्त प्रजातियां भी पेनांग पर पोषण पाती हैं। इनमें खास तौर से आम के बाग बगीचे भी शामिल हैं। मलेशिया के एयर इटम उप नगर में स्थित पेनांग हिल स्टेशन अद्भुत एवं विलक्षण है।

   मान्यता है कि पेनांग हिल स्टेशन, मलेशिया का पहला आैपनिवेशिक हिल स्टेशन है। जार्ज टाउन से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित पेनांग हिल स्टेशन बेहद दर्शनीय है। चौतरफा पहाड़ों की सुन्दरता पेनांग हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य में चार चांद लगा देती है। 

   मखमली घास के हरे-भरेे विशाल मैदान एक ह्मदयस्पर्शी एहसास कराते हैं। समुद्र तल से करीब 833 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पेनांग हिल स्टेशन वस्तुत: पेनांग द्वीप का एक शानदार हिस्सा है। फलों एवं फूलों का यह इलाका सदैव सुगंध से महकता रहता है। 

   शांत एवं शीतलता से आच्छादित पेनांग हिल स्टेशन बादलों संग खेलने के भरपूर मौके देता है। बादलों की घुमक्कड़ी देख कर पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं। बादलों का उमड़ना-घुमड़ना पर्यटकों को प्रफुल्लित कर देता है। 

   हालात यह होते हैं कि कभी बादल पर्यटकों की गोद में होते हैं तो वहीं कभी पर्यटक बादलों के आगोश में होते हैं। रोमांच एवं प्रफुल्लता के यह पल पर्यटक कभी भूल नहीं पाते। शायद यही कारण है कि पेनांग हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है।

   वस्तुत: पेनांग हिल स्टेशन मलेशिया की शानदार पहाड़ियों का एक समूह है। खास यह कि इनमें से एक पर्वत चोटी को स्ट्राबेरी चोटी के नाम से जाना एवं पहचाना जाता है। विशिष्टताओं के कारण पेनांग हिल स्टेशन मलेशिया का आदर्श हिल स्टेशन माना जाता है। 

  पेनांग हिल स्टेशन पर मलेशियाई आैषधीय वनस्पतियों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। लिहाजा पेनांग हिल स्टेशन स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही सुगंध के किसी अति समृद्ध खजाना से कम नहीं है। 

   घाटियों-वादियों वाले इस हिल स्टेशन को काफी कुछ विशिष्ट कह सकते हैं। कारण पेनांग हिल स्टेशन फल, फूल एवं आैषधीय वनस्पतियों एवं दुर्लभ वनस्पतियों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। शायद इसी लिए पेनांग हिल स्टेशन को आैषधीय वनस्पतियों का घर भी कहा जाता है। 

   विशेषज्ञों की मानें तो पेनांग हिल स्टेशन जैव विविधिता से अति समृद्ध है। पेनांग हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण पेनांग बोटैनिकल गार्डेन है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बोटैनिकल गार्डेन की संरचना या स्थापना 1788 में कैप्टन फ्रांसिस लाइट ने की थी।

   इस दौरान पहाड़ी से झरना एवं गार्डेन के बीच घोड़े का ट्रैक बनाया गया था। जिससे पर्यटक इस हिल स्टेशन का वास्तविक आनन्द ले सकें। इतना ही नहीं, पेनांग हिल स्टेशन वन्य जीवों की आश्रय स्थली भी है। लिहाजा पर्यटक वन्य जीवों के रोमांच का भी एहसास कर सकते हैं। 

   विशेषज्ञों की मानें तो पेनांग द्वीप पर पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियां प्रवास करती हैं। इनमें से 80 प्रतिशत पक्षी दुर्लभ प्रजाति के हैं। जार्ज टाउन से करीब 5 सेल्सियस डिग्री अधिक ठंडा रहने वाला पेनांग हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य हर आयाम रखता है। 

    पेनांग हिल स्टेशन मलेशिया की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जार्ज टाउन एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन फनस्टिक रेलवे स्टेेशन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी पेनांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
5.990080,100.476780

Monday, January 20, 2020

उबुद: एक खूबसूरत दुनिया

   उबुद का प्राकृतिक सौन्दर्य किसी स्वर्ग से कम नहीं। जी हां, उबुद पर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।

   इंडोनेशिया के बाली द्वीप का एक छोटा सा गांव उबुद वस्तुत: एक शानदार वैश्विक पर्यटन है। खास यह कि उबुद की सुन्दरता पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। शायद इसीलिए उबुद सबसे अधिक पसंदीदा हनीमून प्वांइट के तौर पर देखा जाता है। 

   खास यह है कि उबुद इंडोनेशिया की कला एवं संस्कृति का अद्भुत केन्द्र बन चुका है। लिहाजा इंडोनेशिया की कला एवं संस्कृति से साक्षात्कार करना हो तो पर्यटकों को उबुद की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। 

   बाली द्वीप का यह सुन्दर गांव वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। उबुद को बाली की सांस्कृतिक जड़ भी कहा जाता है। दुनिया भर के पर्यटक इंडोनेशिया की कला एवं संस्कृति से रूबरू होने के लिए उबुद की यात्रा करते हैं। शायद इसीलिए उबुद को 'आईलैंड आफ गॉड्स" कहा जाता है।

   उबुद के सम्पूर्ण परिदृश्य को देखें तो भगवान के द्वीप के नाम से भी उबुद को ख्याति हासिल हुई। खास यह कि उबुद में प्राकृतिक सौन्दर्य का हर आयाम आलोकित है। मसलन घाटियों-वादियोें से लेकर झीलों-झरनों एवं समुद्र की अठखेलियां सहित बहुत कुछ उबुद में दर्शनीय है। 

   उबुद अपने आगोश में सम्मोहन का सुन्दरतम परिदृश्य रखता है। शायद इसी कारण उबुद आने वाले पर्यटकों की संख्या नित्य एवं निरंतर बढ़़ती जा रही है। चौतरफा सीना ताने खड़े 11 विशाल पहाड़ उबुद की शान एवं शोभा हैं।

    बाली का सबसे विख्यात ज्वालामुखी बातुर उबुद में ही है। लिहाजा ज्वालामुखी का यह खास आकर्षण भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। बाली की चुनिंदा पर्वत श्रंखला उबुद को बेहद आकर्षक बना देती है। पर्यटक उबुद पर पर्वतारोहण का शौक भी पूरा कर सकते हैं।

  वाटर स्प्रिंग अर्थात गर्म पानी के रुाोत में स्नान करना एक विशेष ताजगी प्रदान करता है। खास यह कि पर्यटक उबुद पर एक अलग ही दुनिया का एहसास करते हैं। यहां खान पान से लेकर कलात्मकता की विविधिता पर्यटकों को रोमांचित कर देती है।

   पर्यटक उबुद पर आध्यात्मिकता का एक खास एहसास करते हैं। लिहाजा पर्यटक बाली के इस सुन्दर गांव उबुद केे रोमांचक अनुभव को कभी भूल नहीं पाते। चावल की खेती उबुद में खास होती है। लिहाजा चावल की खास सुगंध से पर्यटक एक विशेष प्रफुल्लता का एहसास करते हैं।

    पर्यटक उबुद पर हिन्दू संस्कृति एवं सभ्यता का एक जुड़ाव महसूस करतेे हैं। नारियल के पेड़ एवं पानी से भरे मैदान एक ग्रामीण परिदृश्य को जीवंत कर देते हैं। 

   इस इलाके में कॉफी, नारियल, अदरक, मिर्ची आदि इत्यादि की खास उपज होती है। इसे धर्म एवं आध्यात्म की खासियत से परिपूरित माना जाता है। खास तौर से उबुद में ब्राह्मा, विष्णु एवं शिव की भक्ति का प्रवाह सामान्य तौर पर देखा जा सकता है।

   धर्म की प्रगाढ़ता का सहज अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में दुनिया में सबसे अधिक मंदिर-देवालय इस इलाके में मिलेंगे। खान पान में भी उबुद का कहीं कोई जोड़ नहीं। यहां का भोजन-व्यंजन बेहद लजीज होता है।

    उबुद बाली की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गुरह राय इंटरनेशनल एयरपोर्ट बाली है। निकटतम रेलवे स्टेशन बाली रेलवे स्टेशन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी उबुद की यात्रा कर सकते हैं।
-8.508230,115.263100

Thursday, January 16, 2020

माउंट किनाबालु : सुगंध का खजाना

   माउंट किनाबालु को धरती पर स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, माउंट किनाबालु का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है। लिहाजा यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। 

   मलेशिया के वेस्ट कोस्ट डिवीजन का यह प्राकृतिक सौन्दर्य वैश्विक पर्यटकों का एक खास आकर्षण है। लिहाजा दुनिया के पर्यटक माउंट किनाबालु खास तौर से घूमने आते हैं। समुद्र तल से करीब 4095 मीटर ऊंचाई पर स्थित माउंट किनाबालु वस्तुत: प्रकृति का शानदार आयाम एवं सुगंध का खजाना है। 

   दुर्लभ एवं सामान्य आैषधीय वनस्पतियों की खान कहा जाने वाला माउंट किनाबालु अपनी आगोश में विविधिता रखता है। विशेषज्ञों की मानें तो माउंट किनाबालु दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। 

   एशिया का सबसे पसंदीदा पर्वतारोहण क्षेत्र माना जाने वाला माउंट किनाबालु जैव विविधिता के लिए दुनिया में जाना जाता है। खास यह कि फर्न की 600 से अधिक प्रजातियां माउंट किनाबालु में संरक्षित हैं। इतना ही नहीं, पक्षियों की 326 से अधिक प्रजातियां माउंट किनाबालु पर कोलाहल एवं कलरव करती सुनाई देती हैं। 

    माउंट किनाबालु पर सैरसपाटा के लिए आवश्यक है कि मान्यता प्राप्त एवं प्रशिक्षित गाइड की सहायता ली जाये। जिससे पर्यटक बिना किसी असुविधा के मौज मस्ती कर सकें। माउंट किनाबालु की विशिष्टताओें को देखते हुए यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत घोषित किया है।

   विश्व विरासत के तौर पर संरक्षित माउंट किनाबालु पर पर्यटक पर्वतारोहण का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ब्राोर्नियो की क्रोकर रेंज की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। खास यह है कि माउंट किनाबालु मलय द्वीप समूह का सबसे ऊंचा पर्वत है। इतना ही नहीं, मलेशिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है।

   स्थलाकृति सुन्दरता में भी माउंट किनाबालु का कोई जोड़ नहीं है। शायद इसीलिए माउंट किनाबालु को दुनिया का सबसे सुन्दर पर्वत माना जाता है। अल्पाइन घास के सुन्दर एवं विशाल मैदान माउंट किनाबालु की शान एवं शोभा हैं। झाड़ियों के गुम्बद भी यहां बेहद आकर्षक प्रतीत होते हैं। 
   दुनिया के अति महत्वपूर्ण जैविक स्थलों में एक माउंट किनाबालु पर आैषधीय वनस्पतियों की 6000 से अधिक प्रजातियां संरक्षित, पुष्पित एवं पल्लवित हैं। यहां की प्राकृतिक समृद्धता का सहज अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि राफलेशिया पौधे माउंट किनाबालु की विशेषता हैं। 

    राफलेशिया का पौधा एक खास विशिष्टता रखता है। जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा आैर इकलौता फूल होता है। इस फूल का आकार प्रकार 94 सेंटीमीटर तक बढ़ता है। हालांकि फूल का खिलना अति दुर्लभ होता है। अंजीर के पेड़ों के साथ ही कीटभक्षी पौधे भी यहां की विशिष्टता में शामिल हैं। 

   विशेषज्ञों की मानें तो आर्किड की 800 से अधिक प्रजातियां माउंट किनाबालु पर आसानी से देखी जा सकती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह विशिष्टता केवल माउंट किनाबालु पर ही दिखेगी। दांतेदार एवं सर्पकार इलाका माउंट किनाबालु काफी कुछ विशिष्ट है। 

   दुनिया के विशिष्ट गोल्फ क्लब श्रंखला में माउंट किनाबालु का गोल्फ क्लब खास तौर से जाना एवं पहचाना जाता है। लिहाजा पर्यटक माउंट किनाबालु पर गोल्फ का शौक भी पूरा कर सकते हैं। मलमल सी हरी-भरी घास मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर देती है।

    शीतल एवं शांत जलवायु वाला माउंट किनाबालु पर्यटकों को एक खास ऊर्जा प्रदान करता है। माउंट किनाबालु पर बादलों की घुमक्कड़ी बेहद रोमांचकारी होती है। 

   ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बादलों संग सैर हो रही हो। कुल मिलाकर माउंट किनाबालु पर्यटकों को प्राकृतिक सौन्दर्य के दिव्य दर्शन कराता है। जिससे मन एवं मस्तिष्क प्रफुल्लित हो उठता है।

   माउंट किनाबालु की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कोटा किनाबालु इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन कोटा किनाबालु है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी माउंट किनाबालु की यात्रा कर सकते हैं।
5.980160,116.072960

Monday, January 13, 2020

कुर्सियांग हिल स्टेशन: सुगंध का खजाना

    कुर्सियांग हिल स्टेशन को सुगंध का खजाना कहा जाना चाहिए। कुर्सियांग हमेशा आैषधीय वनस्पतियों, विभिन्न प्रजातियों के फूलों एवं चाय-कॉफी के बागानों की सुगंध से महकता रहता है। 

   सफेद आर्किड के फूलों से सुसज्जित कुर्सियांग पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। भारत के पश्चिम बंगाल के जिला दार्जिलिंग का यह सुन्दर हिल स्टेशन वस्तुत: पहाड़ियों, घाटियों-वादियों का इलाका है। 

   समुद्र तल से करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुर्सियांग वस्तुत: प्रकृति की गोद है। जी हां, कुर्सियांग पर चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा आलोकित है। यह प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। 
  दार्जिलिंग से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित कुर्सियांग हिल स्टेशन भले आकार में छोटा हो लेकिन इसका प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत है। 

   कुर्सियांग को स्थानीयता में खरसांग कहा जाता है। खारसांग का शाब्दिक अर्थ सफेद आर्किड़ फूलों की भूमि। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 587 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुर्सियांग हिल स्टेशन अपने विशिष्ट सौन्दर्य के लिए वैश्विक ख्याति रखता है।

   लिहाजा एक विशेष अाकर्षण वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है। कुर्सियांग हिल स्टेशन पर पर्यटकों के ठहरने के लिए आकर्षक एवं सुन्दर रिसार्ट एवं अतिथि गृहों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। लिहाजा कुर्सियांग हिल स्टेशन पर ठहर कर पर्यटक पर्यटन का भरपूूर आनन्द ले सकते हैं। 

   इतना ही नहीं, पर्यटक विलेज टूरिज्म का भी आनन्द ले सकते हैं। चौतरफा पहाड़ियों से घिरा कुर्सियांग हिल स्टेशन कभी उत्तरी-पूर्वी राज्य सिक्किम का हिस्सा हुआ करता था। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता कुर्सियांग हिल स्टेशन को काफी कुछ खास बना देती है। 

   विशेषज्ञों की मानें तो दुर्लभ एवं विलुप्त आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता ही कुर्सियांग हिल स्टेशन की खासियत है। शीर्ष पर होने के कारण कुर्सियांग हिल स्टेशन अक्सर बादलों की गिरफ्त में रहता है। लिहाजा पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन पर बादलों के रोमांच का एहसास कर सकते हैं। 

   बादलों का स्पर्श पर्यटकों को प्रफुल्लित करने के साथ ही पुलकित कर देता है। पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन पर विभिन्न प्रकार की सुगंध का एहसास करते हैं। जिससे मन मस्तिष्क में एक विशेष ताजगी का संचार होता है। 

   लिहाजा पर्यटक कहीं अधिक ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं। कुर्सियांग हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से ईगल क्रेग, डॉव हिल, अम्बोतिया शिव मंदिर एवं चाय-कॉफी बागान आदि इत्यादि हैं। 

   खास यह कि कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अप्रैल-मई का होता है। हालांकि पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा कभी भी कर आनन्द की सुखद अनुभूति कर सकते हैं। 
   ईगल क्रेग: ईगल क्रेग वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। ईगल क्रेग से पर्यटक आसपास का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं।
   ईगल क्रेग से आसपास की पर्वतीय चोटियों का सौन्दर्य देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, सिलीगुड़ी के खूबसूरत मैदान भी यहां से देखे जा सकते हैं। शांत एवं शीतल परिवेश वाला ईगल क्रेग बेहद दर्शनीय है।

   डॉव हिल: डॉव हिल वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन एवं आसपास का फैला हुआ विशाल क्षेत्र है। इस इलाके की एक पहाड़ी को डॉव हिल कहा जाता है। डॉव हिल का इलाका वस्तुत: एक सघन वन क्षेत्र है। इसे लघु वन्य जीव अभयारण्य कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।
   कारण यह सघन वन क्षेत्र वन्य जीवों की आश्रय स्थली है। डॉव हिल पर एक विशाल जलाशय भी है। जलाशय खूबसूरत वनस्पतियों से घिरा हुआ है। देवदार एवं शंकुधारी पेड़ यहां के सौन्दर्य में चार चांंद लगा देते हैं। 
   अम्बोतिया शिव मंदिर: अम्बोतिया शिव मंदिर कुर्सियांग हिल स्टेशन का मुख्य धार्मिक स्थान है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अति प्राचीन है। 
   अम्बोतिया शिव मंदिर कुर्सियांग हिल स्टेशन का अति प्रसिद्ध धर्म स्थान है। मान्यता है कि भगवान शिव के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं का कल्याण होता है। भक्त मंदिर में दिव्य भव्य शिवलिंग के दर्शन करते हैं।
    चाय-कॉफी बागान: चाय-कॉफी बागान वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। खास यह कि कुर्सियांग हिल स्टेशन की पहाड़ियां चाय एवं कॉफी केे बागान से सुसज्जित दिखती हैं। बागान की सुगंध से पर्यटकों का दिल एवं दिमाग प्रफुल्लित हो उठता है। बागान की खूबसूरती देखते ही बनती है।
   कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है। बागडोगरा एयरपोर्ट से कुर्सियांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 95 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन जलपाईगुड़ी रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
26.877900,88.277500

ओडो बोटानिया: रोमांचक मखमली एहसास    ओडो बोटानिया को धरती का ताज कहा जाना चाहिए। जी हां, ओडो बोटानिया का प्राकृतिक सौन्दर्य विलक्षण है...