नीलम घाटी: धरती का स्वर्ग
नीलम घाटी को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, नीलम घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य निश्चय ही स्वप्नलोक जैसा है।
आकाश का स्पर्श करती पर्वत श्रंखला, मखमली घास के भव्य-दिव्य मैदान एवं
बादलों को रोमांचक स्पर्श आदि इत्यादि काफी कुछ नीलम घाटी विशेष बना देते
हैं।
नीलम घाटी पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित यह
स्वप्न लोक बेहद शानदार है। शायद इसीलिए पाकिस्तान सहित दुनिया के प्रकृति
प्रेमी पर्यटकों का यह सबसे अधिक पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र है।
समुद्र तल से करीब 5200 मीटर ऊंचाई पर स्थित दुनिया का बेहतरीन पर्यटन
स्थल नीलम घाटी अपनी आगोश में प्राकृतिक सौन्दर्य का इन्द्रधनुषी आयाम रखता
है।
हालांकि नीलम घाटी की समुद्र तल से ऊंचाई कहीं 2300 मीटर है तो कहीं 5200
मीटर है। प्राकृतिक सुन्दरता के कारण ही नीलम घाटी को पाकिस्तान का मिनी
स्वीटजरलैण्ड कहा जाता है।
नीलम घाटी वस्तुत: आकाश का स्पर्श करते पर्वत, हरी-भरी वादियां-घाटियां,
बहती नदियां एवं झीलों-झरनों की एक लम्बी श्रंखला से आच्छादित है। नीलम
घाटी वस्तुत: पाकिस्तान का सर्वश्रेष्ठ एवं पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र है।
कुदरत के नायाब नजारे यहां दिखते हैं।
इन मुग्ध करने वाले नजारों के मध्य पर्यटक खो से जाते हैं। खूबसूरत झीलें
पर्यटकों को मुग्ध करती हैं। बाग-बगीचे नीलम घाटी की खास शोभा हैं। नीलम
घाटी की नैसर्गिक सुन्दरता वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करती है।
विशेषज्ञों की मानें तो नीलम घाटी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का हिस्सा है। नीलम घाटी का मुख्य आकर्षण नीलम नदी है।
विशेषज्ञों की मानें तो भारत एवं पाकिस्तान विभाजन से पहले नीलम नदी को
किशन गंगा के नाम से जाना पहचाना जाता था। घाटी का गांव नीलम खास ख्याति
रखता था।
लिहाजा भारत एवं पाकिस्तान विभाजन के बाद किशन गंगा का नाम गांव नीलम के
नाम पर ही रख दिया गया। लिहाजा अब इसे नीलम नदी एवं नीलम घाटी के नाम से
ख्याति हासिल है।
वस्तुत: नीलम नदी भारत के जम्मू एवं कश्मीर से प्रवाहित होकर पाकिस्तान
में प्रवेश करती है। कुछ आगे चल कर नीलम नदी मुजफ्फराबाद में झेलम नदी में
विलय हो जाती है।
नीलम घाटी वस्तुत: सघन वन क्षेत्र है। वन क्षेत्र में वनस्पतियों की
प्रचुरता के साथ साथ वन्य जीवन का भी अपना विशेष अस्तित्व है। नीलम घाटी का
फैलाव करीब 145 किलोमीटर तक है। इस सम्पूर्ण क्षेत्र में कहीं आकाश को
छूते पहाड़ हैं तो कहीं नदियों का कल कल प्रवाह है।
बादलों की आवाजाही तो सामान्य है। कभी पर्यटक बादलों की गोद में होते हैं
तो कभी बादल पर्यटकों की गोद में होते हैं। यह पल बेहद रोमांचक होते
हैं।
सर्दियों में तो नीलम घाटी की प्राकृतिक सुन्दरता आैर भी अधिक बढ़ जाती है। कारण सर्दियों में चौतरफा बर्फ की चादर दिखती है।
पर्वत शिखर बर्फ की ओढ़नी में अति सुन्दर प्रतीत होते हैं। बर्फबारी का
आनन्द लेना हो तो पर्र्यटकों को नवम्बर के बाद अपनी यात्रा प्लान करनी
चाहिए। नवम्बर से फरवरी की अवधि बर्फबारी का बेहतरीन समय होता है।
शांत एवं शीतलता से आच्छादित नीलम घाटी हमेशा पर्यटकों को आमंत्रित करती
है। लिहाजा पर्यटक कभी भी नीलम घाटी की सैर सपाटा का प्लान बना सकते हैं।
बारिश में नीलम घाटी के नजारे बेहद अद्भुत एवं दर्शनीय होते हैं।
प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज नीलम घाटी एवं उसके आसपास आकर्षक स्थानों की
एक लम्बी श्रंखला है। भारत की जम्मू एवं कश्मीर स्थित नियंत्रण रेखा से सटा
नीलम घाटी का यह इलाका बेहद शांत एवं सुरम्य है। नीलम घाटी को पाकिस्तान
का नील मणि भी कहा जाता है।
नीलम घाटी की झीलों-झरनों की सुन्दरता देखते ही बनती है। पटिकाका यहां का
एक दर्शनीय स्थान है। यह मुजफ्फराबाद से करीब 17 किलोमीटर दूर है।
यहां का चिड़ियाघर बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय है। धनी वॉटर फॉल्स की
दर्शनीयता भी कम नहीं है। धनी वॉटर फॉल्स मुजफ्फराबाद से करीब 33 किलोमीटर
दूर है।
नीलम घाटी की सुन्दरता को देखते हुए इसे नवविवाहित जोड़ों के लिए हनीमून का
पसंदीदा स्थान माना जाता है। इसे रोमांटिक हिल्स भी कह सकते हैं।
नीलम झेलम हाइड्रो प्रोजेक्ट भी नीलम घाटी का एक दर्शनीय स्थल है। यह स्थान मुजफ्फराबाद से करीब 73 किलोमीटर है।
नीलम घाटी पर्यटकों को घूमने फिरने से लेकर ठहरने एवं विश्राम सहित सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है।
पर्यटकों के लिए यहां शानदार काटेज उपलब्ध रहते हैं। पर्यटक सैर सपाटा के साथ स्वादिष्ट व्यंजन के भी चटखारे ले सकते हैं।
नीलम घाटी की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट
इस्लामाबाद इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन मुजफ्फराबाद
जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी नीलम घाटी की यात्रा कर सकते हैं।
33.720001,73.059998
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