Wednesday, January 30, 2019

नगरकोट हिल स्टेशन: प्रकृति का रोमांच

   नगरकोट हिल स्टेशन को प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, नगरकोट की प्राकृतिक सुन्दरता किसी को भी मुग्ध कर लेती है। 

  नेपाल की राजधानी काठमांडू का यह सुन्दर हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र है।
  इसे काठमांडू घाटी भी कहते हैं। खास यह कि हिमालय की गोद में रचा-बसा नगरकोट हिल स्टेशन प्रकृति का सुन्दर दर्पण है। 

  पर्यटक यहां माउण्ट एवरेस्ट सहित हिमालय की खूबसूरती का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। खास यह कि पर्यटक नगरकोट हिल स्टेशन पर हिमालय की गोद में होने का सुखद एवं रोेमांचक एहसास कर सकते हैं।
   समुद्र तल से करीब 2195 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नगरकोट हिल स्टेशन एक रमणीक स्थल है। सुरम्य एवं शांत वातावरण पर्यटकों को एक शानदार सुखानुभूति कराता है। 

   नगरकोट हिल स्टेशन पर सूर्यास्त एवं सूर्योदय की इन्द्रधनुषी निराली छटा दिखती है। इस लालित्य पूर्ण सौन्दर्य की एक झलक पाने के लिए पर्यटक दीवाने हो जाते हैं।
   खास तौर से नगरकोट हिल स्टेशन की कलात्मकता दर्शनीय होती है। खास यह कि पर्यटक यहां रिसोर्ट एवं आश्रय स्थलों में रात्रि विश्राम कर हिमालय एवं प्रकृति की सुन्दरता का रोमांचक एहसास कर सकते हैं। होटल या रिसोर्ट की बालकनी में खड़े होकर पर्यटक चौतरफा प्रकृति का भव्य दिग्दर्शन कर सकते हैं।
   नेपाल के बागमती अंचल के जिला भक्तपुर का यह नगरकोट हिल स्टेशन अद्भुत एवं विलक्षण है। नेपाल की राजधानी काठमांडू से पूर्व दिशा में करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित नगरकोट हिल स्टेशन पर चौतरफा हिमालय श्रंखला का दिव्य-भव्य दर्शन होता है। 

  हिमाच्छादित चोटियां अति दर्शनीय होती है। खास यह कि नगरकोट हिल स्टेशन से नेपाल की राजधानी काठमांडू की विहंगमता दिखती है। भक्तपुुर में भी दर्शनीय स्थलों की एक लम्बी श्रंखला है।
  लिहाजा पर्यटक भक्तपुर का भ्रमण कर प्रकृति का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। सुखद यह कि चौतरफा मनोरम दृश्य मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित करते हैं। 

  नगरकोट हिल स्टेशन एवं आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थलों की श्रंखला पर्र्यटकों को मुग्ध कर लेती है। यहां पर्वत मालाओं की दिव्य-भव्य श्रंखला है।
   खास तौर से काठमांडू घाटी, शिवपुरी नेशनल पार्क, अन्नपूर्णा रेंज, मनसालु रेंज, गणेश हयाल रेंज, लैंगलंग रेंज, जुगल रेंज, रोलवलिंग रेंज, महलंगुर रेंज एवं नुम्बूर रेंज आदि दर्शनीय है।

  पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए नगरकोट हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है। नगरकोट हिल स्टेशन का इको ट्रेल सर्वाधिक लोकप्रिय है। पर्यटक यहां पैराग्लाइडिंग का भी आनन्द ले सकते हैं। 

  खास यह कि घाटी में एक दिव्य-भव्य किला है। इसकी दर्शनीयता पर्यटकों को खुद-ब-खुद आकर्षित करती है। 
   वस्तुत: नगरकोट हिल स्टेशन एक अंतरराष्ट्रीय हिल स्टेशन है। नगरकोट हिल स्टेशन पर पर्यटक प्रकृति की शानदार अठखेलियों का रोमांचक एहसास कर सकते हैं। 

  कभी बर्फ का गिरना व कभी बादलों का खिलंदडपन मन को भाता है। सर्दियों में चौतरफा बर्फ की चादर अति सुन्दर प्रतीत होती है। 
  बर्फ से ढ़के पर्वत एवं बर्फ से आच्छादित बस्तियों बेहद अद्भुत प्रतीत होती है। मखमली घास के मैदान-ढ़लान ह्मदयस्पर्शी एहसास कराते हैं।

  नगरकोट हिल स्टेशन पर बहुत कुछ अद्भुत दिखता है। बादलों का आना जाना मन को प्रफुल्लित करता है।
   कभी बादल पर्यटकों के बेहद समीप होने का एहसास कराते हैं तो कभी बादल पर्यटकों की गोद में आ जाते है। 

  वनस्पति से आच्छादित वन क्षेत्र एक सुगंध के साथ ही स्वास्थ्य वर्धक वायु भी प्रदान करता है। फूलों की विभिन्न प्रजातियां खूशबू का एक खुशनुमा परिवेश बनाती हैं। चौतरफा हरितिमा की आभा परिवेश को अति सुन्दर एवं शानदार बनाती हैं।

   नगरकोट हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट काठमांडू एयरपोर्ट है। काठमांडू एयरपोर्ट से नगरकोट हिल स्टेशन की दूरी करीब 28 किलोमीटर है। 
  पर्यटक त्रिभुवन एयरपोर्ट से भी नगरकोट हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन जनकपुर रेलवे स्टेशन जंक्शन है। पर्यटक नगरकोट हिल स्टेशन की यात्रा सड़़क मार्ग से भी कर सकते हैं।
27.712021,85.312950

Monday, January 28, 2019

तवांग हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास

   तवांग हिल स्टेशन की प्राकृतिक खूूबसूरती का कोई जोड़ नहीं। जी हां, तवांग का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों के दिलों में रच-बस जाता है। 

  शायद इसी लिए तवांग हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का सर्वाधिक पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र है। भारत के प्रांत अरुणाचल प्रदेश का तवांग हिल स्टेशन शांत एवं सुरम्य क्षेत्र है। वस्तुत: तवांग भारत का सीमा क्षेत्र है। 
   समुद्र तल से करीब 3500 मीटर ऊंचाई पर स्थित तवांग हिल स्टेशन पर चौतरफा पर्वत श्रंखला, घाटियों-वादियों एवं झीलों-झरनों का आच्छादन है।

   तवांग हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। 
  तवांग हिल स्टेशन एवं आसपास खूबसूरत पर्वत चोटियां, छोटे-छोटे गांव, शानदार गोनपा, शांत एवं सुरम्य झीलें, निर्मल नदियों की एक लम्बी श्रंखला है। 
   खास यह कि तवांग हिल स्टेशन पर शानदार इतिहास, धर्म एवं पौराणिकता के दर्शन होते हैं। 

   विशेषज्ञों की मानें तो तवांग का नामकरण 17वीं शताब्दी में मिराक लामा ने किया था।
   वस्तुत: तवांग हिल स्टेशन मोनपा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। गांव-गिरांव में बांस एवं पत्थरों से बने घर दिखते हैं। प्रकृति की यह खूबसूरती केवल यहीं दिख सकती है। 

  तवांग हिल स्टेशन पर बौद्ध मठों की एक सुन्दर श्रंखला पर्यटकों को आकर्षित करती है। विशेषज्ञों की मानें तो एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ तवांग में ही स्थित है।
   तवांग बौद्ध मठों के लिए विश्व में खास ख्याति रखता है। तवांग मठ एक पर्वत के शिखर पर विद्यमान है।

  समुद्र तल से करीब 10000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह मठ बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केन्द्र है। इस विशाल मठ में एक साथ 700 से अधिक साधु आश्रय ले सकते हैं। 
  मठ के प्रवेश द्वार को काकालिंग के नाम से जाना पहचाना जाता है। झोपड़ी के आकार-प्रकार का यह मठ पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करता है। तवांग मठ की सरंचना एवं चित्रकला अति दर्शनीय है।

  खास यह कि तवांग मठ दूर से किसी किला की भांति दर्शनीय है। इसकी दिव्यता-भव्यता का कोई जोड़ नहीं। तवांग मठ के विशाल दरवाजे इसकी भव्यता को खुद-ब-खुद बयां करते हैं।
   इस परिसर के आंतरिक क्षेत्र में कई शानदार इमारतें हैं। इनमें दुखांग एवं असेम्बली खास तौर से प्रसिद्ध हैं। दुखांग में संतों एवं बोधिसत्वों के शानदार रेखाचित्र दर्शनीय हैं।

   इस परिसर के आंतरिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण संरचना कोर्ट है। यह खास तौर से धार्मिक नृत्य एवं खास समारोह आदि के लिए उपयोग किया जाता है। भगवान बुद्ध की शानदार प्रतिमा यहां प्रतिष्ठापित है। 
  तवांग हिल स्टेशन वस्तुत: एक अकल्पनीय क्षेत्र है। कारण चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की आभा से परिवेश आलोकित रहता है। 

  कभी बादलों का समूह हलचल पैदा करता है तो कभी बर्फ का सुन्दर अंदाज तवांग हिल स्टेशन के सौन्दर्य में चार चांद लगा देता है। घोड़े की सवारी तवांग हिल स्टेशन पर कुछ खास होती है।
   खास यह कि तवांग हिल स्टेशन से तिब्बत की खूबसूरती को भी पर्यटक देख सकते हैं। तवांग हिल स्टेशन का विशेष आकर्षण बुमला दर्रा है। बुमला दर्रा वस्तुत: भारत-चीन सीमा को रेखांकित करता है। 

  समुद्र तल से करीब 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बुमला दर्रा बेहद रोमांचक स्थान है। क्षेत्र बेहद दर्शनीय एवं महत्वपूर्ण है। 
  शासकीय अनुमति से ही बुमला दर्रा क्षेत्र में प्रवेश संभव होता है। तवांग में भारतीय सेना की छावनी भी है। 

  पर्यटक बुमला दर्रा पर बेहद रोमांच का एहसास करते हैं। कारण देश की सीमा सुरक्षा कैसे होती है, यह देखना किसी रोमांच से कम नहीं होता है। 
  विशेषज्ञों की मानें तो इसी बुमला दर्रा से ही दलाई लामा ने भारत में प्रवेश किया था। बुमला दर्रा के निकट ही एक सुन्दर झील भी है। इसकी दर्शनीयता बेजोड़ है। 

   इस सुन्दर झील को सांगस्टार त्सो कहा जाता है। खास यह कि तवांग हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है।
   तवांग हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अप्रैल से जुलाई तक रहता है। हालांकि पर्यटक सितम्बर तक भी यात्रा कर सकते हैं।

   तवांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट सलूनिबारी एयरपोर्ट तेजपुर है। तेजपुर एयरपोर्ट से तवांग हिल स्टेशन की यात्रा करीब 6 घंटे की होती है।
   एक अन्य निकटतम एयरपोर्ट लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई एयरपोर्ट है। तवांग से गुवाहाटी की दूरी करीब 480 किलोमीटर है।
   निकटतम रेलवे स्टेशन तेजपुर है। तेजपुर से तवांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 319 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी तवांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
27.579200,91.880500

Tuesday, January 8, 2019

फेयरबैंक्स: प्राकृतिक सुन्दरता

   फेयरबैंक्स को शानदार पर्यटन शहर कहा जाना चाहिए। जी हां, फेयरबैंक्स की प्राकृतिक सुन्दरता अद्भुत है। वस्तुत: फेयरबैंक्स बर्फ की आगोश में लिपटा रहने वाला शहर है। 

   संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का प्रांत का यह सुन्दर शहर देश विदेश में अपने खास सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है।
  फेयरबैंक्स अमेरिकी प्रांत अलास्का का सबसे बड़ा शहर है। आर्कटिक सर्किल के सन्निकट स्थित यह पर्वतीय शहर वैश्विक पर्यटकों का सर्वाधिक पसंदीदा शहर है। 
   इसका सौन्दर्य शास्त्र बेमिशाल है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त फेयरबैंक्स की सुन्दरता को आैर भी निखार देता है।
  ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे कैनवास पर कोई शानदार पेंटिंग रूपांकित की गयी हो। खास तौर से फेयरबैंक्स की पर्वत श्रंखलाएं एक नया आकर्षण पैदा करती हैं।

  फेयरबैंक्स की पर्वत श्रंखलाएं, झीलों-झरनों की सुन्दरता, प्राचीन नदियों का अद्भुत दर्शन एवं वन्य जीवन का कोलाहल पर्यटकों को रोमांच से भर देता है।
  शांत एवं शीतल फेयरबैंक्स पर पर्यटक एक ऊर्जा का एहसास करते हैं। इसे प्रकृति का जीवंत शहर कह सकते हैं। फेयरबैंक्स में आकर्षण की एक लम्बी श्रंखला है। 

   खास तौर से कला एवंं कलाकार सम्पन्न यह शहर अपनी एक अलग संस्कृति रखता है। समृद्ध अलास्का की मूल संस्कृति यहां की शान है।
  आकर्षण एवं अनवेषण की यहां एक लम्बी श्रंखला है। फेयरबैंक्स क्षेत्र में अरोरा सीजन खास तौर से जाना पहचाना जाता है।

  आकाशीय रोशनी की विलक्षण छटा निखरती दिखती है। अगस्त से अप्रैल की मध्य अवधि यहां शानदार दृष्टिगत होती है। 
   इसी प्रकार मिडनाइट सन सीजन फेयरबैंक्स का विशेष आकर्षण होता है। पर्यटक इस अवधि में फेयरबैंक्स में 24 घंटे एक विशेष रोशनी का अनुभव कर सकते हैं। 

   हालांकि यहां खास तौर से पर्यटक धंुध का रोमांचक एहसास करते हैं। हालांकि सर्दियों में सूर्य के दर्शन बेहद कम होते हैं।
   सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय के पहले फेयरबैंक्स की छटा अद्भुत दिखती है। बर्फ से आच्छादित इलाका, अल्पाइन का सघन वन क्षेत्र इस निराली छटा को आैर भी अधिक विलक्षण बना देता है।
   फेयरबैंक्स का यह दृश्य परी लोक सा बना देता है। सर्दियों का मौसम फेयरबैंक्स शहर पर मुकुट की भांति प्रतीत होता है।

 कारण चौतरफा बर्फ का आच्छादन होता है। फेयरबैंक्स की प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता को कई फिल्मों में कैद किया जा चुका है। 
  अलास्का में सर्दियों का सौन्दर्य कुछ आैर ही दिखता है। सूर्य की चमक में बर्फ का इन्द्रधनुषी रंग विशेष दिखता है। 

   खास यह कि फेयरबैंक्स में पशुओं का अनुसंधान केन्द्र भी है। लिहाजा पशुओं की विशेष प्रजातियां दिखती हैैं।
   खास तौर से बर्फीले क्षेत्र एवं अंधकार में रहने वाले पशुओं का चंचल व्यवहार दृष्टिगत होता है। स्कीइंग के शौकीन पर्यटकों के लिए फेयरबैंक्स किसी स्वर्ग से कम नहीं। 

  विशेषज्ञों की मानें तो फेयरबैंक्स को हब ऑॅॅफ इंटीरियर, गेटवे टू द बुश, गोल्डन हार्ट सिटी आदि इत्यादि बहुत कुछ कहा जाता है। 
  हालांकि फेयरबैंक्स की आबादी एक लाख से भी कम है। फिर भी फेयरबैंक्स अलास्का को वैश्विक पर्यटन में विशिष्ट स्थान हासिल है। 

   फेयरबैंक्स विश्वविद्यालय, आर्मी बेस, एयरफोर्स सहित बहुत कुछ है। पर्यटकों को बर्फबारी एवं सर्दियों का आनन्द लेना हो तो फेयरबैंक्स की यात्रा करनी चाहिए।
  खास यह कि सर्दियों में फेयरबैंक्स का तापमान शून्य से 62 डिग्री तक नीचे रहता है। सर्दियों में आसमान का इन्द्रधनुषी रंग पर्यटकों को सम्मोहित कर लेता है। 

  पर्यटक फेयरबैंक्स में मिट्टी के बर्तन, पेंटिंग, कपड़ा, गहनों का एक अलग अंदाज देख सकते हैं। 
  फेयरबैंक्स यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का एवं यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का म्यूजियम ऑफ नार्थ सहित बहुत कुछ विशेष है। यहां प्राकृतिक इतिहास एवं कला का अद्भुत संगम दिखता है।
   इसे अलास्का का समृद्ध संग्रहालय माना जाता है। अल्पाइन स्कीइंग, रॉफ्टिंग, गर्म स्प्रिंग्स यहां के खास आकर्षण हैं।   
   पायनियर पार्क: पायनियर पार्क फेयरबैंक्स का मुख्य आकर्षण है। इसकी विलक्षणता एवं सुन्दरता दर्शनीय है।
   फेयरबैंक्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट फेयरबैंक्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।
  फेयरबैंक्स की एयरपोर्ट से दूरी करीब 5 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन फेयरबैंक्स में ही है। पर्यटक फेयरबैंक्स की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं।
64.837776,-147.716385

Wednesday, January 2, 2019

दा लाट: प्राकृतिक सौन्दर्य का खजाना

   वियतनाम के दा लाट शहर की खूबसूरती का कोई जोड़ नहीं। जी हां, दा लाट दुनिया का एक खूबसूरत पर्यटन शहर है।

  प्राकृतिक सौन्दर्य एवं तकनीकि विज्ञान की यह शानदार संयुक्त संरचना वैश्विक पर्यटकों को मुग्ध करती है। वियतनाम के लाम डांग प्रांत की राजधानी दा लाट वस्तुत: लैंगबियन पठार का क्षेत्र है।
   समुद्र तल से करीब 1500 मीटर ऊंचाई पर स्थित दा लाट शहर झीलों-झरनों एवं खूबसूरत संरचनाओं से आच्छादित है। 
   देवदार का सघन वन क्षेत्र इस शानदार शहर को आैर भी खूबसूरत बना देता है। सर्दियों में यहां की खूबसूरती अति दर्शनीय हो जाती है। कारण मैरीगोल्ड के पेड़ दा लाट के सौन्दर्य में चार चांद लगा देते हैं। 
  वर्ष पर्यंत दा लाट सुहानी धंुध से आच्छादित रहता है। शायद इसी लिए दा लाट को सिटी ऑफ अनन्त स्प्रिंग कहा जाता है।

   खास यह कि दा लाट शहर को जैव प्रौद्योगिकी एवं परमाणु भौतिकी के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। शीतलता एवं शांति दा लाट शहर की खासियत है।
   कृषि उत्पादों की विविधिता यहां का सौन्दर्य है। खास तौर से गोभी एवं फूलगोेभी दा लाट की उपज है। दा लाट का फूल उद्योग भी खास ख्याति रखता है।

   यहां के हाईड्रेंजिया एवं गोल्डन अनन्त को खास तौर से जाना पहचाना जाता है। दा लाट इस शहर का संक्षिप्त नाम है। इसका सम्पूर्ण नाम दैट एलिस लेटिटिअम एलिस टेम्परियम है।
   वस्तुत: दा लाट नाम स्थानीय जातीय समूह से लिया गया है। दा लाट शहर में सुन्दर संरचनाओं की एक लम्बी श्रंखला है।

  दा लाट का रेलवे स्टेशन भी एक सुन्दर संरचना है। रेलवे स्टेशन वास्तुकला एवं वास्तुशिल्प की अनुपम संरचना है। वास्तुकला में फ्रांसीसी आैपनिवेशक काल की शैली का प्रभुत्व देखने को मिलता है।
   रेलवे स्टेशन 1938 में बनाया गया था। इसे आर्ट डेको वास्तुकला शैली मेें डिजाइन किया गया है। रेलवे स्टेशन की मेहराबदार छतें, रंगीन खिड़कियां अति दर्शनीय हैं।

  खास यह कि स्टेशन की विशिष्टताओं के कारण 2001 में इसे राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया है। रेलवे स्टेशन में दुनिया की सबसे छोटी रेल यहां देखने को मिलेगी।
   दा लाट शहर की इमारतों की ऊंची, नुकीली एवं शानदार छतों को खास तौर से डिजाइन किया गया है। दा लाट शहर की सुन्दरता के अनगिनत नगीने हैं।

   दा लाट शहर का क्रेजी हाउस, ट्राई हम दा लाट कॉफी, टØक लैम पैगोड़ा, बाओ दाई का महल, दा लाट रेलवे स्टेशन, दा लाट नाइट मार्केट, पोंगौर झरना एवं लैंग बियांग पर्वत आदि इत्यादि बहुत कुछ है।
   खास यह कि दा लाट शहर स्वादिष्ट चटखारे वाले व्यंजनों से लेकर सैर सपाटा का भरपूर आनन्द प्रदान करता है।  
  क्रेजी हाउस: क्रेजी हाउस एक अतिथिगृह है। यहां की वास्तुकला विलक्षण है। 
संरचना भी विचित्र है। सुरंगों पर आधारित संरचना पर्यटकों को आकर्षित करती है। पर्यटक यहां एक खास रोमांच का एहसास करते हैं। 
  वस्तुत: क्रेजी हाउस वियतनामी वास्तुकार डांग विएट नगा की एक निजी परियोजना थी। जिसे 1990 में आम जनता के लिए खोल दिया गया। 
  पर्यटक क्रेजी हाउस में बचपन एंव कथा-कहानियों तथा परियों का एहसास करते हैं। पर्यटक क्रेजी हाउस में प्रवास भी कर सकते हैं।  

  टØक लैम पैगोडा: टØक लैम पैगोडा वस्तुत: एक बौद्ध मठ है। करीब 24 हेक्टेयर में फैला यह पैगोडा बौद्ध भिक्षुओं एवं नन की आश्रय स्थली है। बौद्ध भिक्षु एवं नन यहां रह कर अध्ययन करते हैं। यहां सौ से अधिक बौद्ध भिक्षु एवं नन प्रवास करते हैं।
  शांत एवं शीतल वातावरण पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। प्राकृतिक सौन्दर्य का यह आयाम पर्यटकों को लुभाता है। निकट ही टूयेन लाम झील है। देवदार के वृक्षों से घिरी यह झील अति दर्शनीय है। पर्यटक नौकायन कर प्रकृति का आनन्द ले सकते हैं। 
   बाओ दाई का महल: बाओ दाई का महल का अपना एक अलग इतिहास है। इसका निर्माण 1937 में किया गया था। शाही अंदाज का यह महल पर्यटकों को वास्तुशिल्प से आकर्षित करता है। वस्तुत: यह राजा बाओ दाई का महल है। यह स्थान बेहद रमणीक है।
   नाइट मार्केट: नाइट मार्केट हस्तशिल्प का मुख्य बाजार है। पर्यटक यहां खरीददारी का एक नया अनुभव कर सकते हैं। 
   पोंगौर झरना: पोंगौर झरना बेहद दिलचस्प है। खास यह कि झरना पर पर्यटक चहल कदमी का आनन्द ले सकते हैं। 
  वनस्पतियों एवं सुगंधित फूलों के बीच स्थित यह झरना दर्शनीय है। बहुस्तरीय चट्टानें आैर उस पर प्रवाहित निर्मल जल अति सुन्दर प्रतीत होता है। 
   लैंग बियांग पर्वत: लैंग बियांग पर्वत वस्तुत: दा लाट शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित है। दा लाट शहर का यह मुख्य आकर्षण है। लैंस बैंग नामक लोक गीत यहीं से लिया गया है।
   विशेषज्ञों की मानें तो लैंग बियांग पर्वत शाश्वत प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है। लैंग बियांग पर्वत के पीछे एक प्रेम कहानी है। हालांकि समुद्र तल से करीब 1950 मीटर ऊंचाई वाला लैंग बियांग पर्वत दर्शनीय एवं सुहाना है। खेल के शौकीन पर्यटकों के लिए यह स्थान स्वर्ग है। यहां पर्वतारोहण का अपना एक अलग आनन्द है।
   दा लाट की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट लिएन खोंग एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन दा लाट में ही है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी दा लाट की यात्रा कर सकते हैं।
11.936230,108.445260

ओडो बोटानिया: रोमांचक मखमली एहसास    ओडो बोटानिया को धरती का ताज कहा जाना चाहिए। जी हां, ओडो बोटानिया का प्राकृतिक सौन्दर्य विलक्षण है...