प्फुत्सेरो हिल स्टेशन : शीतलता का रोमांच
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन को ग्रीन लैण्ड कहा जाना चाहिए। जी हां, प्फुत्सेरो
हिल स्टेशन पर चौतरफा शांत, शीतल एवं शुद्ध पर्यावरण दिखता है।
सर्दियों में प्फुत्सेरो हिल स्टेशन पर्यटकों को बेहद रोमांचक एहसास कराता
है। खास तौर से जब सर्दियों में तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है।
भारत के नागालैण्ड के फेक जिला का यह शानदार हिल स्टेशन सदैव शांत एवं
शीतलता का एहसास कराता है। इसे आैषधीय वनस्पतियों का खजाना भी कहा जाता
है।
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन को आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता प्राकृतिक
समृद्धता सम्पन्न बनाती है। आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध प्फुत्सेरो हिल
स्टेशन के परिवेश को मोहक बना देती है। नागालैण्ड का यह हिल स्टेशन वस्तुत:
एक छोटा शहर है।
अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण प्फुत्सेरो हिल स्टेशन एक शांत
शीतलता प्रदान करता है। हरा भरा यह शहर नागालैण्ड का सबसे शीतल शहर माना
जाता है। यहां की शांत एवं शीतल जलवायु पर्यटकों को बेहद रोमांचक एहसास
कराती है।
समुद्र तल से करीब 2133 मीटर ऊंचाई पर स्थित प्फुत्सेरो हिल स्टेशन अति
दर्शनीय है। पर्यटकों को होम स्टे की सहूलियत भी मिल जाती है। लिहाजा
पर्यटक विलेज टूरिज्म का भी आनन्द ले सकते हैं। नागालैण्ड की राजधानी
कोहिमा से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित यह हिल स्टेशन पर्यटकों को एक खास
ऊर्जा से भर देता है।
शांत एवं शीतल जलवायु से आच्छादित प्फुत्सेरो हिल स्टेशन पर्यटकों को
भरपूर आक्सीजन प्रदान करता है। प्फुत्सेरो पर पर्यटकों के फेफड़ों को मानों
पंख लग जाते होते हों। मन-मस्तिष्क, दिल एवं दिमाग खास तौर से प्रफुल्लित
हो जाता है।
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन एवं आसपास सेब की खेती खास व्यवसाय है। लिहाजा
चौतरफा सेब के बागान दिखते हैं। सेब की खास खुशबू परिवेश को काफी कुछ खास
बना देते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पर्यटक किसी दूसरी दुनिया में
विचरण कर रहे हों। चौतरफा सघन वन क्षेत्र या घाटियों-वादियों का सुरम्य
वातावरण तन मन को एक खास ऊर्जा से लबरेज कर देता है।
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन एवं आसपास दर्शनीय एवं सुन्दर स्थानों की एक लम्बी
श्रंृखला विद्यमान है। इसे अद्भुत एवं विलक्षण पर्यटन क्षेत्र कहा जाये तो
शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। शायद यही कारण है कि प्फुत्सेरो हिल स्टेशन
वैश्विक पर्यटन में भी एक जाना पहचाना स्थल है।
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन के आसपास अन्य दर्शनीय स्थलों में जुन्हबोतो भी
विशिष्टताओं के लिए जाना पहचाना जाता है। सरमती पर्वत खास तौर से
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन की शान एवं शोभा है। सतोई की पर्वत श्रंृखलाएं भी
अति दर्शनीय है। घोसु पक्षी अभयारण्य भी प्फुत्सेरो हिल स्टेशन का विशेष
आकर्षण है।
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन की यात्रा खास तौर से अक्टूबर से अप्रैल की अवधि
में करना चाहिए। कारण यह समय त्योहार एवं पर्व का माना जाता है। त्सखेनये
फसल पर्व के तौर से धूमधाम एवं उत्साह से मनाया जाता है।
पर्यटक प्फुत्सेरो हिल स्टेशन पर ट्रैकिंग का भी आनन्द ले सकते हैं। सघन
वन क्षेत्र में पक्षियों का कोलाहल एवं कलरव बेहद कर्णप्रिय होता है। ऐसा
प्रतीत होता है कि जैसे संगीत की सुमधुर राग रागिनी प्रवाहित हो रही हो।
विशेषज्ञों की मानें तो प्फुत्सेरो हिल स्टेशन भारत का मिनी स्विट्जरलैण्ड
है। प्फुत्सेरो हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण ग्लोरी चोटी है। इस इलाके की
यह सबसे ऊंची पर्वत चोटी है।
इस पर्वत चोटी से आसपास की घाटियां-वादियां अति आकर्षक प्रतीत होती हैं।
यहां से चौतरफा अति मनोरम दृश्य दिखता है। पर्यटक प्फुत्सेरो हिल स्टेशन पर
मेहमाननवाजी का भरपूर आनन्द उठा सकते हैं। अतिथि देवो भव: की परिकल्पा
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन पर साकार दिखती है।
प्फुत्सेरो हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम
एयरपोर्ट दीमापुर एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन रंगापापार जंक्शन है।
रंगापापार रेलवे स्टेशन से प्फुत्सेरो हिल स्टेशन की दूरी करीब 70 किलोमीटर
है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी प्फुत्सेरो हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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